Today In This Post We Are Sharing The Definition or Meanings Of Some Gadget Technology Terms. That You Many Times Search On Internet Like "What Is This". We are Sharing This Post In Hindi. If You Want To Read In English Or Other Language Then Use Google Translate.
कई बार गैजेट्स के बारे में पढ़ते समय हमारे सामने ऐसे शब्द आ जाते हैं, जिनके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं होती। टेक गाइड के जरिए हम आपको बताएंगे आम टेक टर्म्स और उनके मतलब।
* mAh (Milliampere-Hour) - किसी डिवाइस की बैटरी के चार्ज पावर को दर्शाता है। आसान शब्दों में एक बैटरी में कितनी इलेक्ट्रिकल चार्ज पावर है, ये mAh से पता चलता है। ये आंकड़ा जितना ज्यादा होगा, उतनी ही डिवाइस को ज्यादा पावर मिलेगी और बैटरी लंबे समय तक काम करेगी।
* मेगापिक्सल (Megapixel - MP) - कैमरा मेगापिक्सल का काम फोटो साइज को बढ़ाना होता है। जितने ज्यादा मेगापिक्सल होंगे, उतना ही बड़ा फोटो साइज होगा। हालांकि, इससे क्वालिटी में ज्यादा अंतर नहीं आता। कई लोगों को लगता है कि ज्यादा मेगापिक्सल होने से फोटो क्वालिटी बेहतर होगी। लेकिन ये सच नहीं है। फोटो क्वालिटी बेहतर कैमरा सेंसर से होती है, जो कलर और फोटो लाइट को संभालता है। वैसे, मेगापिक्सल फोटो क्वालिटी बढ़ाने में मददगार होता है।
* रेजोल्यूशन (Screen Resolation) - स्क्रीन की डिस्प्ले क्वालिटी (स्क्रीन क्वालिटी) या कैमरा की फोटो क्वालिटी आम तौर पर रेजोल्यूशन पर निर्भर करती है। जितना ज्यादा रेजोल्यूशन होगा, डिस्प्ले क्वालिटी उतनी ही बेहतर होगी।
कैसे चुनें रेजोल्यूशन :
अगर आप कोई लो बजट स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं, तो उसमें भी कई तरह की स्क्रीन क्वालिटी मिल सकती है। लो बजट मार्केट में 720*1280 पिक्सल (HD) के रेजोल्यूशन वाले स्मार्टफोन्स उपलब्ध हैं। इससे कम HVGA (480x320), VGA (640x480), FWVGA (854x480) जैसे रेजोल्यूशन वाले फोन भी मार्केट में लोकप्रिय हैं, लेकिन ये डिस्प्ले क्वालिटी के मामले में कमजोर होते हैं। अगर आपका बजट ज्यादा है तो फुल एचडी (1920*1080 पिक्सल का रेजोल्यूशन) वाले फोन लें। फुल एचडी फोन मिड रेंज में खरीदे जा सकते हैं और ये बड़ी स्क्रीन में भी बेहतर क्वालिटी गेमिंग या वीडियो देखने के लिए अच्छे होते हैं।
* रियर कैमरा (Rear Camera) - रियर कैमरा मतलब फोन का बैक कैमरा है, जो पोर्ट्रेट या लैंडस्केप में यूजर्स को फोटो खींचने की सुविधा देता है।
* फ्रंट कैमरा (Front Camera) - किसी भी गैजेट में फ्रंट कैमरा यूजर को सेल्फी खींचने और वीडियो कॉलिंग के काम आता है।
* एंड्रॉइड लॉलीपॉप - एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम का लेटेस्ट वर्जन एंड्रॉइड लॉलीपॉप 5.0 है। इस नए मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में नया लुक दिया गया है जिसे मटेरियल डिजाइन का नाम दिया गया है। यूजर्स को एंड्रॉइड लॉलीपॉप ऑपरेटिंग सिस्टम में नए सिक्युरिटी फीचर्स मिलते हैं और इसके जरिए डिवाइस को एंड्रॉइड टीवी से भी कनेक्ट किया जा सकता है। इस नए ऑपरेटिंग सिस्टम में वॉइस सर्च को भी बेहतर बनाया गया है।
* मोबाइल पेमेंट - मोबाइल पेमेंट का सीधा मतलब मोबाइल से पेमेंट करना है। साथ ही, इसके द्वारा पैसा ट्रांसफर भी किया जा सकता है। मोबाइल पेमेंट के चार प्राइमरी मॉडल हैं, जिनमें इसमें SMS (शॉर्ट मैसेज सर्विस), डायरेक्ट मोबाइल बिलिंग, मोबाइल वेब पेमेंट (WAP) और नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC) शामिल हैं।
* बेंचमार्क ऐप - बेंचमार्क ऐप आपके स्मार्टफोन को टेस्ट करती रहती है। ये ऐप बताती है कि आपका फोन कैसा काम कर रहा है। साथ ही, इस ऐप को इस्तेमाल करने वाले सभी स्मार्टफोन्स का डाटा भी ये आपसे शेयर करती है। यानी बेस्ट मोबाइल कौन से हैं और मार्केट में कौन से नए फोन आने वाले हैं।
* 64 बिट प्रोसेसर - 64 बिट प्रोसेसर का मतलब है कि जो प्रोससेर फोन में इस्तेमाल किया गया है, वो फोन में ज्यादा रैम, ज्यादा मेमोरी और बेहतर कैमरा फीचर्स सपोर्ट कर सकता है। 64 बिट प्रोसेसर के साथ फोन में बेहतर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर फीचर्स दिए जा सकते हैं। इससे बेहतर बैटरी बैकअप भी मिलता है। बता दें कि आईफोन में भी 64 बिट प्रोसेसर मिलता है।
* क्वाड-कोर या ऑक्टा-कोर प्रोसेसर - मल्टीकोर प्रोसेसर (एक से ज्यादा लेयर वाले) आम प्रोसेसर से बेहतर काम कर सकते हैं। सिंगल कोर प्रोसेसर एक समय पर एक ही काम करता है, वैसे ही क्वाड-कोर प्रोसेसर एक समय में चार अलग-अलग काम कर सकते हैं। मल्टीटास्किंग के लिए ये जरूरी है कि फोन में मल्टीकोर प्रोसेसर हो। प्रोसेसर को CPU भी कहा जाता है।
* LTE 4G (Long-Term Evolution) - LTE का फुल फॉर्म लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन है। इसे आम भाषा में 4G कहा जाता है। अगर हम कह रहे हैं कि किसी फोन में LTE फीचर है, तो इसका मतलब है कि वह फोन 4G फीचर के साथ आएगा।
* GPS (Global Positioning Service) - GPS सर्विस एक सैटेलाइट बेस्ड सर्विस है जो डिवाइस की लोकेशन, पोजिशन और स्थान विशेष के मौसम की जानकारी आदि देती है। इसे सुरक्षा के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। जब कोई मुसीबत में हो तो GPS से उस व्यक्ति की लोकेशन का पता लगाया जा सकता है।
* GPU (Graphics Processing Unit) - ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट एक स्पेशल सर्किट होता है जो फोन में इमेज इनपुट और आउटपुट का काम करता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो GPU की मदद से गेमर्स को गेम खेलने के दौरान बेहतर डिस्प्ले क्वालिटी मिलती है और ऐसा ही मूवी या वीडियो देखने के दौरान होता है।
* NFC (Near Field Communication) - नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC) शॉर्ट रेंज में ज्यादा फ्रीक्वेंसी के साथ डिवाइसेस को कनेक्ट करने में मदद करता है। आसान शब्दों में लिमिटेड दूरी में तेज स्पीड के साथ NFC की मदद से वायरलेस डिवाइस कनेक्ट किए जा सकते हैं। ये फाइल शेयरिंग, इंटरनेट एक्सेस और बाकी ट्रांसफर के लिए काफी उपयोगी साबित होता है।
* GPRS (General Packet Radio Service) - मोबाइल नेटवर्क के जरिए डाटा ट्रांसफर की तकनीक को GPRS कहा जाता है। इसे मोबाइल इंटरनेट कहते हैं जो आम सिम के जरिए काम करता है।
* इन्फ्रारेड पोर्ट - इन्फ्रारेड पोर्ट की मदद से डिवाइस को रिमोट में बदला जा सकता है। इन्फ्रारेड सेंसर ही टीवी, DVD, AC आदि डिवाइसेस के रिमोट में लगे होते हैं। अगर किसी फोन में इन्फ्रारेड फीचर है, तो उसे होम अप्लायंस के रिमोट में बदला जा सकता है। इसके लिए कई ऐप्स गूगल प्ले स्टोर में उपलब्ध हैं।
* Cyanogenmod - Cyanogenmod एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है जो स्मार्टफोन्स और टैबलेट्स में इस्तेमाल किया जाता है। ये एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म पर आधारित है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम के ओपन सोर्स होने के कारण कंपनियां पहले से दिए गए फीचर्स के साथ कुछ नए फीचर्स भी जोड़ सकती हैं। इससे यूजर्स को यूटिलिटी आधारित फीचर्स ज्यादा मिलते हैं।
* HDMI (High-Definition Multimedia Interface) - डिजिटल ऑडियो और वीडियो ट्रांसफर करने के लिए HDMI पोर्ट और केबल का इस्तेमाल किया जाता है। स्मार्टफोन्स के डाटा केबल में एक साइड USB होता है और दूसरी तरफ HDMI।
* BSI सेंसर (Back illuminated Sensor) - BSI सेंसर या बैक इल्युमिनेटेड सेंसर एक तरह का डिजिटल इमेज सेंसर है जो फोटो क्वालिटी को बेहतर बनाता है। इस सेंसर के कारण ही खींची जा रही फोटो में बेहतर लाइट आती है और कम लाइट की कंडीशन में भी बेहतर क्वालिटी मिलती है। आसान शब्दों में कहें तो फोटो में कितनी ब्राइटनेस होगी, इसे BSI सेंसर कंट्रोल करता है।
* कैश मेमोरी - ये डिवाइस मेमोरी में एक ऐसी जगह होती है जहां से हाल ही में एक्सेस किया गया डाटा आसानी से रिट्रीव किया जा सकता है। यूजर्स अपने डिवाइस पर जो भी काम करते हैं उसकी कॉपी कैश मेमोरी में भी सेव रहती है। मेन मेमोरी की जगह कैश मेमोरी से प्रोसेसर डाटा लेता है।
* हॉटस्पॉट (Hotspot Network) - वाई-फाई हॉटस्पॉट एक ऐसा फीचर होता है जिसके जरिए एक डिवाइस अपने इंटरनेट कनेक्शन को बाकी डिवाइसेस में वाई-फाई सिग्नल की मदद से भेज सकता है। ऐसे में अगर किसी एक डिवाइस में इंटरनेट है तो एक या एक से ज्यादा डिवाइसेस उससे कनेक्ट हो सकेंगे।
Source : www.bhaskar.com/
कई बार गैजेट्स के बारे में पढ़ते समय हमारे सामने ऐसे शब्द आ जाते हैं, जिनके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं होती। टेक गाइड के जरिए हम आपको बताएंगे आम टेक टर्म्स और उनके मतलब।
* mAh (Milliampere-Hour) - किसी डिवाइस की बैटरी के चार्ज पावर को दर्शाता है। आसान शब्दों में एक बैटरी में कितनी इलेक्ट्रिकल चार्ज पावर है, ये mAh से पता चलता है। ये आंकड़ा जितना ज्यादा होगा, उतनी ही डिवाइस को ज्यादा पावर मिलेगी और बैटरी लंबे समय तक काम करेगी।
* मेगापिक्सल (Megapixel - MP) - कैमरा मेगापिक्सल का काम फोटो साइज को बढ़ाना होता है। जितने ज्यादा मेगापिक्सल होंगे, उतना ही बड़ा फोटो साइज होगा। हालांकि, इससे क्वालिटी में ज्यादा अंतर नहीं आता। कई लोगों को लगता है कि ज्यादा मेगापिक्सल होने से फोटो क्वालिटी बेहतर होगी। लेकिन ये सच नहीं है। फोटो क्वालिटी बेहतर कैमरा सेंसर से होती है, जो कलर और फोटो लाइट को संभालता है। वैसे, मेगापिक्सल फोटो क्वालिटी बढ़ाने में मददगार होता है।
* रेजोल्यूशन (Screen Resolation) - स्क्रीन की डिस्प्ले क्वालिटी (स्क्रीन क्वालिटी) या कैमरा की फोटो क्वालिटी आम तौर पर रेजोल्यूशन पर निर्भर करती है। जितना ज्यादा रेजोल्यूशन होगा, डिस्प्ले क्वालिटी उतनी ही बेहतर होगी।
कैसे चुनें रेजोल्यूशन :
अगर आप कोई लो बजट स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं, तो उसमें भी कई तरह की स्क्रीन क्वालिटी मिल सकती है। लो बजट मार्केट में 720*1280 पिक्सल (HD) के रेजोल्यूशन वाले स्मार्टफोन्स उपलब्ध हैं। इससे कम HVGA (480x320), VGA (640x480), FWVGA (854x480) जैसे रेजोल्यूशन वाले फोन भी मार्केट में लोकप्रिय हैं, लेकिन ये डिस्प्ले क्वालिटी के मामले में कमजोर होते हैं। अगर आपका बजट ज्यादा है तो फुल एचडी (1920*1080 पिक्सल का रेजोल्यूशन) वाले फोन लें। फुल एचडी फोन मिड रेंज में खरीदे जा सकते हैं और ये बड़ी स्क्रीन में भी बेहतर क्वालिटी गेमिंग या वीडियो देखने के लिए अच्छे होते हैं।
* रियर कैमरा (Rear Camera) - रियर कैमरा मतलब फोन का बैक कैमरा है, जो पोर्ट्रेट या लैंडस्केप में यूजर्स को फोटो खींचने की सुविधा देता है।
* फ्रंट कैमरा (Front Camera) - किसी भी गैजेट में फ्रंट कैमरा यूजर को सेल्फी खींचने और वीडियो कॉलिंग के काम आता है।
* एंड्रॉइड लॉलीपॉप - एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम का लेटेस्ट वर्जन एंड्रॉइड लॉलीपॉप 5.0 है। इस नए मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में नया लुक दिया गया है जिसे मटेरियल डिजाइन का नाम दिया गया है। यूजर्स को एंड्रॉइड लॉलीपॉप ऑपरेटिंग सिस्टम में नए सिक्युरिटी फीचर्स मिलते हैं और इसके जरिए डिवाइस को एंड्रॉइड टीवी से भी कनेक्ट किया जा सकता है। इस नए ऑपरेटिंग सिस्टम में वॉइस सर्च को भी बेहतर बनाया गया है।
* मोबाइल पेमेंट - मोबाइल पेमेंट का सीधा मतलब मोबाइल से पेमेंट करना है। साथ ही, इसके द्वारा पैसा ट्रांसफर भी किया जा सकता है। मोबाइल पेमेंट के चार प्राइमरी मॉडल हैं, जिनमें इसमें SMS (शॉर्ट मैसेज सर्विस), डायरेक्ट मोबाइल बिलिंग, मोबाइल वेब पेमेंट (WAP) और नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC) शामिल हैं।
* बेंचमार्क ऐप - बेंचमार्क ऐप आपके स्मार्टफोन को टेस्ट करती रहती है। ये ऐप बताती है कि आपका फोन कैसा काम कर रहा है। साथ ही, इस ऐप को इस्तेमाल करने वाले सभी स्मार्टफोन्स का डाटा भी ये आपसे शेयर करती है। यानी बेस्ट मोबाइल कौन से हैं और मार्केट में कौन से नए फोन आने वाले हैं।
* 64 बिट प्रोसेसर - 64 बिट प्रोसेसर का मतलब है कि जो प्रोससेर फोन में इस्तेमाल किया गया है, वो फोन में ज्यादा रैम, ज्यादा मेमोरी और बेहतर कैमरा फीचर्स सपोर्ट कर सकता है। 64 बिट प्रोसेसर के साथ फोन में बेहतर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर फीचर्स दिए जा सकते हैं। इससे बेहतर बैटरी बैकअप भी मिलता है। बता दें कि आईफोन में भी 64 बिट प्रोसेसर मिलता है।
* क्वाड-कोर या ऑक्टा-कोर प्रोसेसर - मल्टीकोर प्रोसेसर (एक से ज्यादा लेयर वाले) आम प्रोसेसर से बेहतर काम कर सकते हैं। सिंगल कोर प्रोसेसर एक समय पर एक ही काम करता है, वैसे ही क्वाड-कोर प्रोसेसर एक समय में चार अलग-अलग काम कर सकते हैं। मल्टीटास्किंग के लिए ये जरूरी है कि फोन में मल्टीकोर प्रोसेसर हो। प्रोसेसर को CPU भी कहा जाता है।
* LTE 4G (Long-Term Evolution) - LTE का फुल फॉर्म लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन है। इसे आम भाषा में 4G कहा जाता है। अगर हम कह रहे हैं कि किसी फोन में LTE फीचर है, तो इसका मतलब है कि वह फोन 4G फीचर के साथ आएगा।
* GPS (Global Positioning Service) - GPS सर्विस एक सैटेलाइट बेस्ड सर्विस है जो डिवाइस की लोकेशन, पोजिशन और स्थान विशेष के मौसम की जानकारी आदि देती है। इसे सुरक्षा के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। जब कोई मुसीबत में हो तो GPS से उस व्यक्ति की लोकेशन का पता लगाया जा सकता है।
* GPU (Graphics Processing Unit) - ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट एक स्पेशल सर्किट होता है जो फोन में इमेज इनपुट और आउटपुट का काम करता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो GPU की मदद से गेमर्स को गेम खेलने के दौरान बेहतर डिस्प्ले क्वालिटी मिलती है और ऐसा ही मूवी या वीडियो देखने के दौरान होता है।
* NFC (Near Field Communication) - नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC) शॉर्ट रेंज में ज्यादा फ्रीक्वेंसी के साथ डिवाइसेस को कनेक्ट करने में मदद करता है। आसान शब्दों में लिमिटेड दूरी में तेज स्पीड के साथ NFC की मदद से वायरलेस डिवाइस कनेक्ट किए जा सकते हैं। ये फाइल शेयरिंग, इंटरनेट एक्सेस और बाकी ट्रांसफर के लिए काफी उपयोगी साबित होता है।
* GPRS (General Packet Radio Service) - मोबाइल नेटवर्क के जरिए डाटा ट्रांसफर की तकनीक को GPRS कहा जाता है। इसे मोबाइल इंटरनेट कहते हैं जो आम सिम के जरिए काम करता है।
* इन्फ्रारेड पोर्ट - इन्फ्रारेड पोर्ट की मदद से डिवाइस को रिमोट में बदला जा सकता है। इन्फ्रारेड सेंसर ही टीवी, DVD, AC आदि डिवाइसेस के रिमोट में लगे होते हैं। अगर किसी फोन में इन्फ्रारेड फीचर है, तो उसे होम अप्लायंस के रिमोट में बदला जा सकता है। इसके लिए कई ऐप्स गूगल प्ले स्टोर में उपलब्ध हैं।
* Cyanogenmod - Cyanogenmod एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है जो स्मार्टफोन्स और टैबलेट्स में इस्तेमाल किया जाता है। ये एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म पर आधारित है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम के ओपन सोर्स होने के कारण कंपनियां पहले से दिए गए फीचर्स के साथ कुछ नए फीचर्स भी जोड़ सकती हैं। इससे यूजर्स को यूटिलिटी आधारित फीचर्स ज्यादा मिलते हैं।
* HDMI (High-Definition Multimedia Interface) - डिजिटल ऑडियो और वीडियो ट्रांसफर करने के लिए HDMI पोर्ट और केबल का इस्तेमाल किया जाता है। स्मार्टफोन्स के डाटा केबल में एक साइड USB होता है और दूसरी तरफ HDMI।
* BSI सेंसर (Back illuminated Sensor) - BSI सेंसर या बैक इल्युमिनेटेड सेंसर एक तरह का डिजिटल इमेज सेंसर है जो फोटो क्वालिटी को बेहतर बनाता है। इस सेंसर के कारण ही खींची जा रही फोटो में बेहतर लाइट आती है और कम लाइट की कंडीशन में भी बेहतर क्वालिटी मिलती है। आसान शब्दों में कहें तो फोटो में कितनी ब्राइटनेस होगी, इसे BSI सेंसर कंट्रोल करता है।
* कैश मेमोरी - ये डिवाइस मेमोरी में एक ऐसी जगह होती है जहां से हाल ही में एक्सेस किया गया डाटा आसानी से रिट्रीव किया जा सकता है। यूजर्स अपने डिवाइस पर जो भी काम करते हैं उसकी कॉपी कैश मेमोरी में भी सेव रहती है। मेन मेमोरी की जगह कैश मेमोरी से प्रोसेसर डाटा लेता है।
* हॉटस्पॉट (Hotspot Network) - वाई-फाई हॉटस्पॉट एक ऐसा फीचर होता है जिसके जरिए एक डिवाइस अपने इंटरनेट कनेक्शन को बाकी डिवाइसेस में वाई-फाई सिग्नल की मदद से भेज सकता है। ऐसे में अगर किसी एक डिवाइस में इंटरनेट है तो एक या एक से ज्यादा डिवाइसेस उससे कनेक्ट हो सकेंगे।
Source : www.bhaskar.com/
Cover Art Zortam Mp3 Media Studio is all-in-one Mp3 application suite. It has several modules such us Zortam Mp3 Auto Tagger, Mp3 Organizer, ID3 Tag Editor, Mp3 Player, Mp3 Normalizer, CD Ripper, Mp3 to Wav converter. With Zortam Mp3 Media Studio you can batch auto tag your Mp3 files using Zortam database. Batch auto tag process download Cover Art, Lyrics and other metadata and automatically tags your Mp3 files.
ReplyDelete